पृष्ठ

अनुमति जरूरी है

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

मन के मौन आकाश पर

मेरे मन के मौन आकाश पर 
जरूरी तो नहीं टंगे मिलें तुम्हें 
हमेशा ही जगमगाते सितारे 

ये चाँद की बेअदबी नहीं तो क्या है भला 
जो ओढ़कर घूँघट छुपा लेता है चेहरा 
और 
सितारों के पक्ष सूने पथ पर 
करते हैं जब चहलकदमी 
नहीं की जातीं संस्तुतियाँ 

अमावस की कालरात्रियाँ फर्क करना नहीं जानतीं  
फिर मन का मौन हो 
या आकाश का पथ सूना ...

3 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15-08-2015) को "राष्ट्रभक्ति - देशभक्ति का दिन है पन्द्रह अगस्त" (चर्चा अंक-2068) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वसंध्या पर
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

निर्मला कपिला ने कहा…

लो जी हम आ गये 1वाह बहुत सुन्दर्1

Onkar ने कहा…

प्रभावी अभिव्यक्ति.